Programm Specific Outcome (PSO’s)
एक छात्र, जिसने स्नातक या कार्यक्रम में प्रवेश लिया है तथा विषय रूप में हिन्दी को चुना है से निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है:-
- छात्र हिन्दी भाषा को बेहतर तरीके से जानने और समझने लगता है.
- छात्र हिन्दी के व्याकरण और साहित्य की विभिन्न पेचीदगियों का ज्ञान और समझ हासिल करता है.
- छात्र भारत की समृद्ध लोक और सांस्कृतिक विरासत का ज्ञान और समझ प्राप्त करता है.
- हिन्दी साहित्य का ज्ञान उन्हें हिन्दी साहित्य का अध्ययन करते समय गंभीर रूप से सोचने में मदद करता है. वे साहित्य और वास्तविक जीवन के आनंद को जोड़ने में सक्षम होते हैं.
- हिन्दी भाषा और साहित्य की मूल अवधारणा और उत्पत्ति को समझता है.
- हिन्दी साहित्य के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए नई विधियों की खोज करने की प्रक्रिया के साथ इसके विषयों को समझने के लिए नयी दिशा मिलती है.
- भारतीय इतिहास में विभिन्न कालखण्डों के अनुसार हिन्दी साहित्य की जड़ों, इसके विभिन्न विषयों और शैलियों के बारे में जानने को मिलता है.
- हिन्दी साहित्य के दार्शनिक पहलुओं को विस्तृत रूप से समझने को मिलता है.
- अतीत से वर्तमान तक हिन्दी की अवधारणा का मूल्यांकन करना और साहित्य के माध्यम से समाज का बारीकी से अध्ययन होता है.
Programm Outcome (PO’s)
- छात्र अपनी पसंद के विषयों में प्रवीणता के साथ स्नातक होगा.
- छात्र अपने विषयों में उच्च अध्ययन जारी रखने के लिए पात्र होगा.
- छात्र विदेश में उच्च अध्ययन करने के लिए पात्र होगा.
- छात्र सरकारी संगठनों में नौकरियों के लिए परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे.
- छात्र समाज की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक कुशल कार्यबल का हिस्सा बनने में सक्षम होंगे.
- छात्रों का राष्ट्रभाषा के साथ जुडाव विकसित होगा.
- विभिन्न कवियों और लेखकों द्वारा लिखी गयी कविताओं और कहानियों की मदद से छात्रों को वास्तविक दुनिया की स्थिति का ज्ञान हासिल होगा.
Course Outcome (CO’s)
| S.No. | Subject code | Name of Course | Course Outcome |
|---|---|---|---|
| 1. | HIND-101 | प्रयोजनमूलक हिन्दी | प्रस्तुत पुस्तक विद्याथियों को अध्ययन के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाती है. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह पुस्तक अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसमें पत्राचार, अनुवाद, मुहावरे-लोकोक्तियाँ, विलोम शब्द, वाक्य के लिए एक शब्द, पर्यावाची शब्द, पारिभाषिक शब्दावली जैसे अनेक संदर्भों को संकलित किया गया है.
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| 2. | HIND-102 | हिन्दी साहित्य का इतिहास | साहित्य के क्षेत्र में यह पुस्तक विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी हिंदी प्रेमियों के लिए मील का पत्थर साबित हुई है. इसमें हिन्दी साहित्य के काल-खण्डों कावर्णन किया गया है. साथ ही साथ इन काल-खण्डों में घटित घटनाओं के साथ हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकारों का साहित्य भी उपलब्ध है. हिन्दी प्रतियोगी परीक्षाओं और साहित्य ज्ञान के लिए यह बहुत ही उपयोगी पुस्तक साबित हुई है. |
| 3. | HIND-103 | मध्यकालीन हिन्दी कविता | इस पुस्तक में मध्यकालीन सुप्रसिद्ध कवियों जैसे- कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, बिहारी, रसखान, भूषण, घनानंद की काव्य रचनाओं के साथ उस समय की रचनात्मकता और समाज का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. |
| 4. | HIND- 104 | हिन्दी भाषा और सम्प्रेषण | प्रतियोगी परीक्षाओं की ददृष्टि से इस किताब का अपना एक अलग महत्त्व है. इसमें व्याकरण के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान विद्यार्थी को प्राप्त होता है. इसके साथ ही भाषा को परिमार्जित करने और उसकी संप्रेषण शक्ति बढ़ाने के तरीकों को भी इस पुस्तक के माध्यम से सीखा जा सकता है जो भाषा के विद्यार्थी के लिए अति-लाभकारी सिद्ध होती है. |
| 5. | HIND-201 | रचना-पुंज | यह पुस्तक पाठकों को हिन्दी साहित्य के अनेक युग के कवियों और गद्य लेखकों से परिचित कराती है. हिन्दी साहित्य का सामान्य ज्ञान और विविध विधाओं से परिचय इस पुस्तक के माध्यम से विद्यार्थी प्राप्त कर सकता है जिसके बाद निश्चित ही हिन्दी साहित्य में उसकी रूचि और समझ में बढावा होता है. |
| 6. | HIND-202 | आधुनिक हिन्दी कविता | इस पुस्तक में आधुनिक-कालीन हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवियों की चुनिन्दा कविताओं को संकलित किया गया है. जिसमें इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि आधुनिक काल में जितने भी युग हुए हैं उन युगों के प्रतिनिधि कवियों के माध्यम से युग युग विशेष को समझा जा सके साथ ही समग्रता में पूरी पुस्तक आधुनिक काव्य-धारा को भी अच्छी तरह पाठकों के सामने लाती है जिससे पाठक आधुनिक कविता के पूरे क्रम को अच्छी तरह समझ सकता है. |
| 7. | HIND-203 | आधुनिक गद्य-साहित्य | प्रस्तुत पुस्तक विद्यार्थियों में गद्य साहित्य से सम्बंधित ज्ञान देती है. आधुनिक काल में गद्य की विविध विधाएं हिन्दी साहित्य को समृद्ध करती हैं और उसको अभिव्यक्ति का नया माध्यम प्रदान करती हैं. यह पुस्तक पाठकों कोविविध गद्य विधाओं और हिन्दी की प्रमुख गद्यकार से परिचित कराती हैं साथ ही तत्कालीन समय की स्थिति को भी जानने में मदद करती है. |
| 8. | HIND-204 | कार्यालयी हिन्दी | यह पुस्तक पाठकों को कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली हिन्दी से अवगत कराती है जिसके माध्यम से पाठक वर्ग बोलचाल की हिन्दी, साहित्यिक हिन्दी और कार्यालयी हिन्दी में अंतर कर सकते हैं और हिन्दी के विविध रूप को जान सकते हैं. हिन्दी जब कार्यलय की भाषा बनती है तो हिन्दी में नौकरियों के अनेक अवसर खुलते हैं. यह पुस्तक पाठकों को उन अवसरों के लिए तैयार करती हैं जिसके द्वारा विद्यार्थी हिन्दी को अपनीं आजीविका की भाषा के रूप में भी ग्रहण कर सके. |
| 9. | HIND-206 | अनुवाद विज्ञान | अनुवाद आधुनिक समय में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. अनुवाद राष्ट्रीय एकता और अंतर्राष्ट्रीय सौहार्द्य के लिए अति महत्वपूर्ण विषय है. अनुवाद के माध्यम से हमे अनेकों भाषा में संचित साहित्य और ज्ञान तक पहुंचने का अवसर मिलता है. आज के भूमंडलीकरण के दौर में तो अनुवाद का महत्त्व बढ़ गया है. यह पुस्तक विद्याथियों को अनुवाद से संबंधित विभिन्न अवसरों के लिए तैयार करती हैं. |
| 10. | HIND-301 | रंग आलेख एवं रंगमंच | कला के क्षेत्र में इस पुस्तक का अपना एक अलग स्थान है. रंगमंचीय कला में निपुण हो विद्यार्थी छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक अपना नाम रौशन कर सकते हैं. यह पुस्तक पाठकों को रंगमंच के बारे में जानकारी प्रदान कर रंगमंच में पाठकों की रूचि विकसित करती है साथ ही नाट्य लेखन से संबधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करती हैं जिससे वह नाट्य लेखन के क्षेत्र में भी अच्छा कर सकते हैं. |
| 11. | HIND-304 | समाचार संकलन | मीडिया हमारे देश, समाज और परिवार का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व का दर्पण है.जैसे साहित्य के बिना संस्कृति अधूरी है, उसी प्रकार मीडिया व्यक्ति और समाज का चलता-फिरता विश्वविद्यालय है. इसका कार्य हर पल की खबर को जनता तक पहुँचाना है. संचार माध्यमों के अंतर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाओं, पुस्तक, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, विज्ञापन, जनसंपर्क आदि शामिल है. आज इस क्षेत्र में रोजगार की अनेक संभावनाएं उपलब्ध है. |
| 12. | HIND-305 | लोक साहित्य | लोक साहित्य जनमानस के ह्रदय की धड़कन को व्यक्त करता है. लोक साहित्य में लोक संस्कृति का चित्रण मिलता है. किसी भी समाज और उसकी संस्कृति को समझने के लिए लोक साहित्य एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है. लोक साहित्य के माध्यम से जनमानस को समझने-जानने में मदद मिलती है. लोक साहित्य के अंतर्गत लोक-गीत, लोक-नाट्य, लोक-कथा, लोक-गाथा आदि को जाना जा सकता है. |
| 13. | HIND-306 | छायावादोत्तर हिन्दी कविता | छायावादोत्तर कविता आज़ादी के बाद घटित घटनाओं की जानकारी देती है. इस काल के कवियों ने समाज में प्रचलित उच्च वर्ग और निम्नवर्ग के बीच के यथार्थ स्थिति को लोगों के सामने लाने का प्रयास किया है. आधुनिक हिन्दी कविता में राष्ट्रीय-सांस्कृतिक धारा, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी-कविता समकालीन कविता का परिचय पाठक को इस पुस्तक के माध्यम से प्राप्त होता है और कविता में उसकी रूचि विकसित होती है. |
| 14. | HIND-307 | आधुनिक भारतीय साहित्य | यह एक ऐसी पुस्तक है जिसके माध्यम से हर एक व्यक्ति भारत देश में प्रचलित अनेक भाषाओं में लिखित अति प्राचीन और नवीन साहित्य की जानकारी प्राप्त कर सकता है किसी भी भाषा के साहित्य की जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक है की देश में अन्य भाषा में रचित साहित्य से भी जुड़ा जाए. यह पुस्तक विभिन्न भाषा के साहित्य और आधुनिक भारतीय साहित्य की समझ विकसित कर सकता है. |
| 15. | HIND-308 | सर्जनात्मक लेखन के विविध आयाम | सर्जनात्मक लेखन का उद्देश्य सूचित करना मात्र नहीं होता अपितु रहस्यों और रसों को उद्घाटित करना होता है. इस पुस्तक के माध्यम से पाठक कलाओं की प्रेरणा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है और लेखन कार्य में निपुणता प्राप्त कर सकता है. साथ ही सर्जनात्मक लेखन से सम्बंधित विविध आयाम की जानकारी प्राप्त कर सकता है. |